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होमराज्यमहाराष्ट्रदेश की कानून-व्यवस्था में बदलाव पर शरद पवार का बड़ा बयान, 'हुक्मरानों से चर्चा की उम्मीद करना...'
Sharad Pawar Statement: देश की कानून-व्यवस्था में बदलाव के बीच शरद पवार ने बड़ा बयान दिया है. एनसीपी (एसपी) अध्यक्ष ने कहा, यह परिवर्तन चर्चा और सुझावों की कमी को दर्शाता है.
By : एबीपी स्टेट डेस्क|Edited By: tariquea|Updated at : 01 Jul 2024 12:41 PM (IST)
देश की कानून-व्यवस्था में बदलाव पर शरद पवार का बड़ा बयान ( Image Source :PTI )
Sharad Pawar News: देश में सोमवार से तीन नए कानून अमल में लाये गए हैं. इन कानूनों को बेहतर तरीके से लागू करने के लिए महाराष्ट्र पूरी तरह तैयार है. इस बीच एनसीपी (एसपी) अध्यक्ष शरद पवार का बड़ा बयान सामने आया है.
क्या बोले शरद पवार?
शरद पवार ने 'X' पर लिखा, "इस बात से कोई इनकार नहीं कर सकता कि देश की कानून-व्यवस्था में बदलाव देश की विपक्षी पार्टियों के 150 सांसदों को निलंबित करके किया गया था. यह परिवर्तन चर्चा और सुझावों की कमी को दर्शाता है. इसके साथ ही देश की सुरक्षा व्यवस्था पर भी दबाव बढ़ता जा रहा है. हालांकि समय के साथ बदलाव की जरूरत है, पारदर्शिता लाने के लिए चर्चा कर और भी ठोस कदम उठाए जा सकते थे. हालांकि, एक सूत्रीय कार्यक्रम लागू करने की धुन सवार हुक्मरानों से चर्चा की उम्मीद करना गलत होगा."
देश में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए) 2023 आज से पूरे देश में प्रभावी हो गए हैं. इन तीनों कानून ने ब्रिटिश कालीन कानूनों क्रमश: भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह ली है.
इस कानून में एक दिलचस्प बात यह है कि गिरफ्तारी की स्थिति में व्यक्ति को अपनी पसंद के किसी व्यक्ति को अपनी स्थिति के बारे में सूचित करने का अधिकार है. इससे गिरफ्तार व्यक्ति को तत्काल सहायता और सहयोग सुनिश्चित होगा. इसके अलावा, गिरफ्तारी का विवरण अब पुलिस थानों और जिला मुख्यालयों में प्रमुखता से प्रदर्शित किया जाएगा, जिससे गिरफ्तार व्यक्ति के परिवार और मित्रों को महत्वपूर्ण जानकारी आसानी से मिल सकेगी.
नए कानूनों में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों की जांच को प्राथमिकता दी गई है, जिससे सूचना दर्ज होने के दो महीने के भीतर जांच पूरी हो सके. नए कानून के तहत, पीड़ितों को 90 दिनों के भीतर अपने मामले की प्रगति के बारे में नियमित अपडेट प्राप्त करने का अधिकार है.
ये भी पढ़ें: महाराष्ट्र में नए आपराधिक कानून के तहत पहला केस दर्ज, जानें क्या है आरोप?
Published at : 01 Jul 2024 12:17 PM (IST)
Tags :
Maharashtra NCP Sharad Pawar MAHARASHTRA NEWS
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